बड़कोट/ उत्तरकाशी, 03 जुलाई 2025। प्रदेश में बरसात के मौसम में कई स्थानों पर खराब हालात हैं तो फिर ऐसे हालातों के बीच उत्तराखण्ड सरकार पंचायत चुनाव कराने पर क्यों आमादा है? इस समय ही पंचायत चुनाव कराना सरकार को इतना ज़रूरी क्यों लग रहा है? ये सवाल लगातार विपक्षी यानी कांग्रेस के नेता उठा रहे हैं।

गौरतलब है कि पहाड़ों में जहां इन दिनों भारी बरसात की वजह से जहां-तहां सड़कें टूट रही हैं संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गए हैं। पैदल रास्ते टूट गए हैं। जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं…एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना बड़ा मुश्किल हो गया है।
इस बीच कांग्रेसी नेता सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ऐसे हालात में सरकार द्वारा पंचायत चुनाव करवाना का निर्णय कितना सही है ये उन लोगों को मालूम होगा जिनको मिलो पैदल चलकर अपना नामांकन दाखिल करने विकास खंड मुख्यालय आना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी जिले में बीते दिनों आई आपदा के ज़ख्म अभी भरे नहीं कि यमुनोत्री धाम के बनास में स्थानों पर भूस्खलन से सड़कें टूट गई है। इससे जहां श्रद्धालुओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा वहीं पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को नामांकन के लिए ब्लॉक मुख्यालय में पहुंचने के लिए
मीलों पैदल चलना पड़ रहा है। वहीं राजगढ़ी सरनौल मोटर मार्ग भी जगह-जगह मलवा आने से बाधित है जिससे लोगों को पैदल चलना पड़ रहा है।
वहीं यमुनोत्री हाईवे बंद होने से क्षेत्र में रसद और घरेलू गैस का संकट गहरा सकता है। इधर समाजसेवी महावीर पंवार उर्फ माही ने जिला प्रशासन से अपील की है कि “आपदा की इस घड़ी में गीठ पट्टी के गरीब लोगों के पास खाद्यान्न की किल्लत हो गई है। जिलाधिकारी/जिलापूर्ति अधिकारी गरीब परिवार के लोगों को खाद्यान्न सामग्री सहित मूलभूत सामग्री पहुंचने की कृपा करे।”–
उल्लेखनीय है कि पहाड़ों में जहां इन दिनों भारी बरसात की वजह से जहां-तहां सड़कें टूट रही हैं संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गए हैं। पैदल रास्ते टूट गए हैं। जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं…एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना बड़ा मुश्किल हो गया है।
इतना ही नहीं चारधाम यात्रा भी रोकने पड़ी थी…रास्तों में फंसे हुए टूरिस्टों या श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करना पड़ रहा है…स्कूलों में छुट्टी की घोषणा करनी पड़ी।