हरिद्वारः मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़, 6 की मौत 28 घायल, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

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  • मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की जांच के आदेश
  • हादसे पर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुःख
  • मृतकों के परिजनों को दो लाख एवं घायलों को पचास हजार की सहायता

BIG NEWS TODAY : हरिद्वार जनपद में मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग में रविवार सुबह करीब नौ बजे भगदड़ के कारण दर्दनाक घटना घटित हुई। इस हृदयविदारक हादसे में अब तक 06 श्रद्धालुओं की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जबकि 28 अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं।

इस हादसे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में राज्य सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देशित किया है कि वे सभी पीड़ितों एवं उनके परिजनों को तत्काल राहत और सहायता प्रदान करें। इसके साथ ही उन्होंने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, एवं यात्रा मार्गों की व्यवस्था की गहन समीक्षा की जाए।

घायलों को त्वरित चिकित्सकीय सुविधा
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में घायल हुए श्रद्धालुओं को शीघ्र चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई है। 05 गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को तत्काल एम्स, ऋषिकेश रेफर किया गया है। शेष 23 घायलों का उपचार जिला चिकित्सालय, हरिद्वार में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घायलों को हर संभव चिकित्सकीय सुविधा मुहैया करा रही हैं। माननीय मुख्यमंत्री स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उन्हें लगातार रेस्क्यू और बचाव अभियान को लेकर अवगत कराया जा रहा है।

जानकारी – सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
घटना की जानकारी मिलते ही सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और स्थिति की निगरानी शुरू की। उन्होंने तत्काल आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान कंट्रोल रूम में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राज कुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाहा अंसारी, विशेषज्ञ हेमंत बिष्ट एवं मनीष कुमार उपस्थित रहे।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन द्वारा घटना की जानकारी और प्रभावित लोगों से संपर्क स्थापित करने के लिए निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए।

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार
 01334-223999
 9068197350
 9528250926
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून’’
 0135-2710334, 2710335
 8218867005
 9058441404

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इन नंबरों के माध्यम से मृतकों व घायलों की जानकारी तथा राहत कार्यों से जुड़ी सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं। रेस्क्यू एवं राहत कार्य में सभी एजेंसियां सक्रिय घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं की संयुक्त टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान को तेज गति से संचालित किया गया। आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, आईजी गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित तथा एसससपी प्रमेंद्र डोबाल ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की तथा अस्पताल में घायलों का हाल जाना।

आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि घायलों को बेहतर से बेहतर उपचार दिया जा रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। वहीं मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मनसा देवी सहित राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण योजना, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, दिशा संकेतक बोर्ड, पैदल मार्गों पर आपातकालीन निकासी योजना तथा स्थानीय प्रशासनिक समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।

अफवाहों पर ध्यान न दें- सचिव आपदा प्रबंधन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी की जा रही सूचनाओं पर ही भरोसा करें। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है और राहत कार्यों में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।