देहरादून (Big News Today) #minister_saurabh_bahuguna प्रदेश में पशुपालक एवं मत्स्य पालक किसानों की #KCC यानी किसान क्रेडिट कार्ड आवंटित करने के मामले में उत्तराखंड ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को 1लाख किसान क्रेडिट कार्ड आवंटन का लक्ष्य इस वर्ष के लिए दिया था, कुल आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष करीब 77.82 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर राज्य ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। भारत सरकार ने सभी राज्यों की रैंकिंग रिपोर्ट जारी की है।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केसीसी में देश में उत्तराखंड को प्रथम स्थान मिलने की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि ये योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना है, इस योजना को लेकर हमने गंभीरता से काम किया है और विभागीय अधिकारियों ने लक्ष्य को हासिल करने में काफी मेहनत की है। सौरभ बहुगुणा का कहना है कि इस वर्ष के लिए 300 मत्स्य पलकों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरण का लक्ष्य था लेकिन विभाग ने 1हज़ार कार्ड आवंटित किए हैं।
उत्तराखंड को एनएलएम-ईडीपी में भी देश मे 5वां स्थान
नेशनल लाइव स्टॉक मिशन- एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत प्रस्तावों की स्वीकृति में भी उत्तराखंड को देश मे पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य से अबतक के सबसे अधिक 9 प्रस्ताव भेजे गए थे और सभी प्रस्तावों को मंजूरी हो गई है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत भी राज्य में नए एंटरप्रेन्योर स्थापित करके स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। पशुपालन और मत्स्य पालन के तहत राज्य में ये स्वरोजगर के रास्ते आगे बढ़ाने में सहायक होगा। विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसको लेकर भी उत्साह व्यक्त किया है।
पशुपालकों एवं मत्स्य पलकों के लिए केसीसी का महत्व ?
भारत सरकार द्वारा संचालित किसान क्रेडिट कार्ड योजना पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए पात्र लाभार्थियों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करती है। पूर्व में किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग कृषि कार्यों से सम्बन्धित गतिविधियों हेतु किया जाता था, परन्तु वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड योजना द्वारा पशुपालन एवं मत्स्य पालन से सम्बन्धित गतिविधियों हेतु लाभार्थियों को अल्पकालिक ऋण प्रदान किया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए रू० 1.60 लाख तक किसी भी परिसम्पति को बंधक रखने की आवश्यकता नहीं है। बैंकों द्वारा निर्धारित अवधि में ऋण भुगतान करने पर किसानों से मात्र 04 प्रतिशत ब्याज ही लिया जाता है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालकों को एक ए.टी.एम. कम क्रेडिट कार्ड प्राप्त होता है जिसका उपयोग पशुपालकों द्वारा नकदी निकालने के लिये किया जाता है। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पशुपालक पशुपालन से सम्बंधित तात्कालिक आवश्यकताओं से सम्बन्धित जैसे पशुओं हेतु चारा-दाना की व्यवस्था, दवा, उपचार एवं अन्य व्यवस्था आसानी से कर सकता है. और उसे इन कार्यों के लिए धन की व्यवस्था करने में परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। इसके साथ ही उच्च ब्याज दरों में किसी साहूकार इत्यादि से धन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। केसीसी के माध्यम से लिये गये ऋण को 12 माह में किस्तों द्वारा जमा किया जाता है। वार्षिक समीक्षा करने के बाद हर साल किसान क्रेडिट कार्ड की अधिकतम सीमा बढ़ाई जा सकती है।