
देहरादून- Report: Faizy)

उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच की आज सम्पन्न वेबिनार में तीन माह पूर्व गठित उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ के क्रियाकलापों की समीक्षा की गई । कहा गया कि एकता मंच द्वारा विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही हेतु शहीदों के सपने के रूप में आवाज दो हम एक हैं के नारे को धरातल पर साकार करने के जिस पवित्र उद्देश्य से महासंघ का गठन किया गया था उससे वह भटक गया है । वक्ताओं ने आरोप लगाया कि ऐसे महासंघ से निजी स्वार्थ में लिप्त लोगों का तो भला हो सकता है लेकिन आम कार्मिकों का भला नहीं हो सकता ।
सर्वसम्मति से तय किया गया ऐसी स्थिति में एकता मंच के पास महासंघ से किनारा करने के सिवाय और कोई विकल्प शेष नहीं है ।
एकता मंच/उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे की अध्यक्षता तथा महासचिव दिगम्बर फुलोरिया के संचालन में सम्पन्न वेबिनार में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा अध्यक्ष के अधिकार क्षैत्र को ओवरटेक करते हुए जिस प्रकार महासंघ को संचालित किया जा रहा है और अध्यक्ष के रूप में पत्राचार किया गया है वह न केवल आपत्तिजनक है बल्कि इससे सब हतप्रभ भी हैं ।

मंच/महासंघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि गत वर्ष जवाबदेही के लिए निकाली गई एकता यात्रा में राज्य के समूचे कार्मिक समुदाय ने कार्मिक हित में समस्त संघों के शीर्ष स्तर पर एक सर्वमान्य व सशक्त महासंघ का गठन किये जाने पर बल दिया था जिसे देखते हुए 19सितम्बर को एकता मंच द्वारा महासंघ का गठन किया गया लेकिन गोल्डन कार्ड के नाम पर वेतन से अनिवार्य कटौती , बेवजह रोकी गई पदोन्नति जैसे कई मामलों में सरकार और ब्यूरोक्रेसी का जो तानाशाहीपूर्ण रवैया सामने आया उसका माकूल जवाब देने के बजाय महासंघ सरकार की परिक्रमा करते नजर आया । शासन स्तर पर वार्ता हुई लेकिन जो सहमति बनी उसके क्रियान्वयन में वादाखिलाफी हुई । इस पर जवाबदेही के लिए मुखर होने के बजाय कार्मिक सेवा संघों के कतिपय पदाधिकारी अपनी पूरी ताकत आपस में ही एक-दूसरे को नेस्तनाबूद करने में लगे नजर आये । कहा कि सरकार और ब्यूरोक्रेसी तो ऐसा चाहते ही थे लेकिन कार्मिकों के वजूद के लिए हास्यास्पद इस परिदृश्य से राज्य प्राप्ति के लिए ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाले आम कार्मिकों की आस पर तुषारापात हुआ है ।
उन्होंने कहा कि जिस महासंघ की परिकल्पना की थी उसमें परिसंघ प्रमुख स्तंभ थे लेकिन यह महासंघ परिसंघों के समानान्तर होकर रह गया । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का अभिनंदन समूचा कार्मिक समुदाय करना चाहता है लेकिन तब जब सीएम गोलज्यू के दरबार में विकास के लिए जवाबदेही हेतु लगी फरियाद को पूरा करने की घोषणा करें ।
श्री पाण्डे ने कहा कि 31दिसम्बर को रिटायर हो जाने के कारण वे अध्यक्ष पद के दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं । वेबिनार में श्री पाण्डे द्वारा कार्मिक हित में किए जाते रहे रचनात्मक प्रयासों की सराहना करते हुए सर्वसम्मति से तय किया गया कि अगले रविवार को पुनः आन लाइन बैठक आहूत की जाय जिसमें सभी संघों व परिसंघों के साथ विचार विमर्श करने के बाद ही श्री पाण्डे को अध्यक्ष पद के दायित्व से मुक्त किया जायेगा । दो टूक ऐलान किया गया कि शहीदों के सपने को साकार करने के लिए एक विचार मंच के रूप में स्थापित कार्मिक एकता मंच जवाबदेही के लिए छेड़ी गई एकता की मुहिम को मुकाम तक पहुंचाने तक संघर्ष को जारी रखेगा और इसे किसी भी कीमत पर सरकार का मोहरा नहीं बनने दिया जायेगा ।
वेबिनार में एकता मंच के संरक्षक पंकज काण्डपाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक
संयोजक गढ़वाल मंडल
सीताराम पोखरियाल , संस्थापक सदस्य प्रदीप पपने, सलाहकार मण्डल के सदस्य अनिल उनियाल , प्रहलाद सिंह रावत,
मदन गिरी गोस्वामी ,गोपाल सिंह गुसाईं ,आनंद सिंह नेगी , धर्मेंद्र सिंह रावत , सरस्वती टम्टा,विनीता उनियाल ,कनिष्का
जोशी ,मनीषा जोशी ,हरीश तोफाल , दीवान सिंह बिष्ट
सहित अनेक पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे ।