कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने संदेश जारी कर भारतीय सेना के शौर्य को नमन और शहीदों के बलिदान का भावपूर्ण स्मरण किया
BIG NEWS TODAY : (25 जुलाई, 2025)। कारगिल युद्ध में भारत की पराक्रमी सेना द्वारा पाकिस्तान को परास्त करने के शनिवार 26 जुलाई 2025 को 26 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों के बलिदान को देश सदैव याद रखेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के वीर सपूतों ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान नई पीढी को प्रेरणा देता रहेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि हमारे सैनिकों ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। जिस पर हमें गर्व है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। छोटा राज्य होने के बावजूद देश की रक्षा में हमारा योगदान उल्लेखनीय रहा है।
सैनिक परम्परा वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर व वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। हमें अपनी सैनिक परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के सम्मान व कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
🪖 कारगिल विजय दिवस: संक्षेप जानकारी
कारगिल विजय दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत ने 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों को पराजित कर विजय प्राप्त की थी। यह दिवस भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और दृढ़ संकल्प को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
- पृष्ठभूमि:
मई 1999 में पाकिस्तान की सेना ने घुसपैठियों के रूप में जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में चुपचाप ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। - भारत की प्रतिक्रिया:
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ नामक सैन्य अभियान शुरू किया, और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में लड़ते हुए 26 जुलाई 1999 तक पाकिस्तानी सेना को सबक सिखाया और सभी कब्जाई गईं चोटियों को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया। - विजय का प्रतीक:
26 जुलाई को भारत की जीत घोषित हुई, इसलिए यह दिन हर वर्ष “कारगिल विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
🎖 उद्देश्य
शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देना। नागरिकों को सेना की त्याग और बहादुरी के बारे में जागरूक करना। देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना।
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