केदारनाथ हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, हादसों पर सरकार से ठोस नीति पर मांगा जवाब

Dehradun Delhi Haldwani Mussoorie Nainital Uttarakhand


BIG NEWS TODAY : (नैनीताल /देहरादून) । उत्तराखंड नैनीताल हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर हादसों में अचानक हुई वृद्धि का स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक रूप से इन घटनाओं के पीछे की वजह पूछते हुए हेली सेवाओं के लिए एक ठोस सुरक्षा नीति बनाने के कड़े निर्देश दिए हैं। यह न्यायिक हस्तक्षेप ऐसे समय में आया है जब केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं लगातार प्रतिकूल मौसम के कारण ठप पड़ रहीं हैं, जिसके चलते तमाम यात्रियों के हैलीकॉप्टर यात्रा के टिकट रद्द हो चुके हैं।

हाईकोर्ट ने पूछा: ‘इन लापरवाहियों के लिए जिम्मेदार कौन?’

मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से सीधे सवाल किया, “आखिर हर वर्ष हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं? इनमें क्या खामियां हैं, या इन लापरवाहियों के लिए जिम्मेदार कौन हैं?” कोर्ट ने इस मामले में सरकार को चारधाम की इन हेलीकॉप्टर सेवाओं के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस और निर्णायक नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदार घाटी की अनूठी चुनौतियों को रेखांकित करते हुए, अचानक और अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन पर विशेष ध्यान देने को कहा। कोर्ट ने जोर दिया कि विमानन कंपनियों को पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों के मौसम पैटर्न और कोहरे की स्थिति का गहन ज्ञान होना अनिवार्य है। कोर्ट ने टिप्पणी की, “बारिश के बाद ये क्षेत्र प्रायः शुष्क हो जाते हैं, जिससे उड़ान में विशेष सावधानी की जरूरत होती है।”

सरकार ने रोका संचालन, कोर्ट ने मांगी ‘ठोस नीति’

सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर सेवाओं पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक “ठोस सुरक्षा नीति” बनाए, जिससे भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

उड़ानें ठप, टिकट रद्द; मानसून से पहले वापसी

वहीं, विमानन सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, हेलीकॉप्टर हादसे के बाद लगातार छठे दिन भी केदारघाटी के अलग-अलग हेलिपैड से छह कंपनियों के हेलीकॉप्टरों ने केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भरी है। इस अभूतपूर्व ठहराव के कारण बीते छह दिनों में कुल 5,430 से अधिक यात्री टिकट रद्द हो चुके हैं। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव और मानसून की दस्तक के साथ ही सभी छह हेलीकॉप्टर कंपनियां रविवार तक केदारनाथ घाटी से अपना संचालन समेट लेंगी।

गौरतलब है कि 2 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में यूकाडा और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने थंबी एविएशन, हिमालयन हेली एविएशन, ग्लोबल वेक्ट्रा, एरौ, क्रिस्टल, आर्यन हेलीएविएशन, ट्रांस भारत और पवन हंस हेली एविएशन को हेलीकॉप्टर उड़ान की अनुमति दी थी। 2 मई से 14 जून तक हेलीकॉप्टर से 56,044 यात्री केदारनाथ पहुंचे और 54,209 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर लौटे। मगर 15 जून को आर्यन हेली एविएशन का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद DGCA ने तत्काल प्रभाव से दो दिन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक लगा दी थी, जिसे बाद में खराब मौसम के कारण बढ़ा दिया गया। तब से इस क्षेत्र में किसी भी हेलीकॉप्टर ने उड़ान नहीं भरी है।

केदारनाथ यात्रा हेलीकॉप्टर सेवाओं के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने इस बड़ी बाधा की पुष्टि करते हुए बताया, “हेलीकॉप्टर का संचालन न होने के कारण प्रतिदिन 850 से 900 के बीच टिकट रद्द हुए हैं।” हाईकोर्ट का यह हस्तक्षेप भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण और पवित्र आध्यात्मिक यात्राओं में से एक पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।