जब सूरज को घेर लिया ‘रैम्बो’ ने, सूर्य के चारों ओर अनोखी रिंग देखकर लोग हो गए हैरान, देखिये रोचक तस्वीरें और जानिए क्या था रिंग !

Uttarakhand


: Halo sun effect a beautiful pic हेलो सन इफेक्ट Photo (by Rohit Chauhan, Haridwar)

देहरादून ( Big News Today)

रविवार को सुबह क़रीब 11 बजे आसमान में
एक अद्भुत नजारा देखने को मिला , जिसमें सूरज के चारों ओर एक गोला बना नजर आया। यह गोला करीब 1 घंटे तक बना रहा, जो लोगों में चर्चा का विषय बना रहा है। big news today के तमाम पाठकों ने आसमान में इस अनोखे और दिलकश नज़ारे की तस्वीरें खींचकर हमतक पहुंचाई हैं।

Photo (By: Tulika, Dehradun)- हेलो सन इफ़ेक्ट सुंदर तस्वीर Halo Sun Effect

वैज्ञानिकों के अनुसार इसे हेलो इफेक्ट कहा जाता हैं।

मौसम डायरेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि ये पहला मौका नहीं है जब आसमान में Sun Halo इफेक्ट देखने को मिला हो।

आसमान का अजूबा: देखिये वीडियो

पहले भी सूर्य के इस रूप को लोग देख चुके हैं।

photo2( by BNT) : halo sun effect हेलो सन इफेक्ट

साल 2021 में ये बैंगलोर में नजर आया है जिसके बाद से इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं। ऐसे बहुत ही कम मौके आते हैं जब इस तरह की आकाशीय घटना को देखने का मौका मिलता है।

Photo By (Mr. Ajay Tyagi, Dehradun): हेलो इफ़ेक्ट ओन सन

क्या है हेलो इफेक्ट

वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज के चारों ओर बना यह गोला सूर्य और चंद्रमा का गोलाकार प्रभामंडल होता है, जो 22 डिग्री एंगल पर एक-दूसरे से मिलते हैं। यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पर नहीं, बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है। इस घटना को 22 डिग्री हेलो इफेक्ट कहते हैं। ये इफेक्ट साल के 365 दिनों में से करीब 100 दिन नजर आता है।

Photo3(by BNT): halo sun effect हेलो सन इफेक्ट

कई जगह पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

1 जून 2019 : सतारा (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र में सतारा जिले के पाटन कस्बे में 1 जून 2019 को दोपहर 12.00 बजे में सूरज के चारों तरफ ऐसी ही रिंग नजर आई थी।

Photo by (Amit Rohila, FRI Doon): हेलो इफ़ेक्ट की आकर्षक तस्वीर

24 जुलाई 2019 : काेटा (राजस्थान) के कोटा जिले में 24 जुलाई को सवेरे 11 बजे आसमान में हैलो इफेक्ट्स से सूरज के चारों और गोलाकार रिंग बनी नजर आई थी। ये एक सामान्य घटना है।

फ़ोटो (By BNT) : हेलो इफेक्ट हेलो सन इफेक्ट की मनमोहक तस्वीर

इसलिए होती है ऐसी घटना

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जब वातावरण में धूल के अतिसूक्ष्म कणों की मात्रा अधिक हो जाती है, तो उसका संपर्क पर्याप्त नमी से हो जाता है। सूरज की किरणों के टकराने पर धूल कण के संपर्क में आने वाली नमी किरणों को बिखरा कर एक इंद्रधनुष का घेरा बनाती है। जिससे सूर्य की रोशनी का रिफ्लेक्शन चेंज होता है और यह प्रक्रिया हमें गोल घेरे के रूप में दिखाई देती है।