
देहरादून ( Big News Today)

रविवार को सुबह क़रीब 11 बजे आसमान में
एक अद्भुत नजारा देखने को मिला , जिसमें सूरज के चारों ओर एक गोला बना नजर आया। यह गोला करीब 1 घंटे तक बना रहा, जो लोगों में चर्चा का विषय बना रहा है। big news today के तमाम पाठकों ने आसमान में इस अनोखे और दिलकश नज़ारे की तस्वीरें खींचकर हमतक पहुंचाई हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार इसे हेलो इफेक्ट कहा जाता हैं।
मौसम डायरेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि ये पहला मौका नहीं है जब आसमान में Sun Halo इफेक्ट देखने को मिला हो।
पहले भी सूर्य के इस रूप को लोग देख चुके हैं।

साल 2021 में ये बैंगलोर में नजर आया है जिसके बाद से इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं। ऐसे बहुत ही कम मौके आते हैं जब इस तरह की आकाशीय घटना को देखने का मौका मिलता है।

क्या है हेलो इफेक्ट
वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज के चारों ओर बना यह गोला सूर्य और चंद्रमा का गोलाकार प्रभामंडल होता है, जो 22 डिग्री एंगल पर एक-दूसरे से मिलते हैं। यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पर नहीं, बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है। इस घटना को 22 डिग्री हेलो इफेक्ट कहते हैं। ये इफेक्ट साल के 365 दिनों में से करीब 100 दिन नजर आता है।

कई जगह पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
1 जून 2019 : सतारा (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र में सतारा जिले के पाटन कस्बे में 1 जून 2019 को दोपहर 12.00 बजे में सूरज के चारों तरफ ऐसी ही रिंग नजर आई थी।

24 जुलाई 2019 : काेटा (राजस्थान) के कोटा जिले में 24 जुलाई को सवेरे 11 बजे आसमान में हैलो इफेक्ट्स से सूरज के चारों और गोलाकार रिंग बनी नजर आई थी। ये एक सामान्य घटना है।

इसलिए होती है ऐसी घटना
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जब वातावरण में धूल के अतिसूक्ष्म कणों की मात्रा अधिक हो जाती है, तो उसका संपर्क पर्याप्त नमी से हो जाता है। सूरज की किरणों के टकराने पर धूल कण के संपर्क में आने वाली नमी किरणों को बिखरा कर एक इंद्रधनुष का घेरा बनाती है। जिससे सूर्य की रोशनी का रिफ्लेक्शन चेंज होता है और यह प्रक्रिया हमें गोल घेरे के रूप में दिखाई देती है।