देहरादून (Big News Today)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा से निकाले गए कर्मचारियों से माफी मांगी है, उन्होंने कहा है कि कर्मचारी उनकी (नेताओं) की राजनीति का शिकार हुए हैं। विधानसभा के बाहर धरना दे रहे निकाले गए कर्मचारियों के बीच आज पूर्व सीएम हरीश रावत पहुंचे थे। उन्होंने वहां पहुंचकर मीडियाकर्मियों से भी बात की।

हरीश रावत ने कहा कि उनके समय में कोई भर्ती अवैध नहीं हुई है, उन्होंने कहा कि यदि गलती हुई है तो फिर सभी के समय मे हुई है, इसका हल सबको मिलकर बैठकर निकालना होगा। हरीश रावत ने विधानसभा मामले में और सरकार को लेकर क्या कुछ कहा है नीचे वीडियो लिंक पर क्लिक करिए।
दूसरी तरफ धरना दे रहे विधानसभा से निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2016 के बाद में भर्ती कर्मचारियों को ही निकालकर सज़ा दी गई है बल्कि उसके पहले वाले भी उसी प्रक्रिया से भर्ती किये गए हैं। कर्मचारियों का ये भी कहना है कि उनका मामला अभी हाईकोर्ट में चल रहा है वे हारे नहीं हैं।

पूर्व कर्मचारी बबीता भंडारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से उनका केस खारिज नहीं हुआ था बल्कि हाईकोर्ट नैनीताल की सिंगल बेंच के स्टे आर्डर को जो डबल बेंच द्वारा खारिज किया गया था उसी डबल बेंच के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखते हुए स्टे ऑर्डर खारिज किया था, बाकी कुछ नहीं हुआ था। नीचे वीडियो लिंक क्लिक करके देखिए क्या कहना है कर्मचारियों का।
विधानसभा के पूर्व कर्मचारियों के धरने पर पूर्व सीएम हरीश रावत के पहुंचने के समय पूर्व मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी सहित कांग्रेस के कई अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।