New Year Story: स्मार्ट फोन ने ग्रीटिंग कार्ड के अस्तित्व पर ही लगाया प्रश्नचिन्ह, सिर्फ टीनेजर्स और लवबर्ड में ही रह गया कार्ड खरीदने का चलन!

Uttarakhand


New year greetings card( Photo: BNT)

देहरादून (Report by: Faizan Khan)

नया साल शुरू हो चुका है, हर किसी ने अपने अपने अंदाज से नए साल का स्वागत किया है। किसी ने घर से बाहर जाकर होटल आदि में दोस्तो के साथ पार्टी की तो किसी ने अपने घर पर ही नए साल का जश्न मनाया।डिजिटल सोशल मीडिया और मोबाइल के ज़माने में नए साल की शुभकामनाएं देने के तरीके में भी बदलाव हो रहा है। युवक युवतियाँ हों या बड़ी आयु के लोग सभी एक दूसरे को नये नये तरीक़े से बधाई देते है ,तो वही दूसरी ओर नए साल की शुभकामनाएँ देने के लिए ग्रीटिंग्स कार्ड का एक महत्वपूर्ण योगदान भी होता है। लेकिन ग्रीटिंग कार्ड का पारंपरिक चलन अब कम होता जा रहा है। लोग मोबाइल मेजेज का इस्तेमाल ज़्यादा करते हैं।

इस मामले में हमने नेहरू कॉलोनी स्थित प्रिंस गिफ्ट गैलरी ऑनर विवेक कपूर से बात की। उन्होंने बताया कि कुछ सालो पहले तक नए साल पर अधिक मात्रा में कार्ड की बिक्री हुआ करती थी, हम एक महीने पहले से ही नये नये डिज़ाइन के ग्रीटिंग्स कार्ड मंगा लेते थे। लेकिन अब कम तादाद में ही ग्रीटिंग्स कार्ड मंगाते हैं क्योंकि कार्ड की डिमांड अब कम हो गई है। नए सालपर ग्रीटिंग देने का चलन अब ज़्यादातर सिर्फ टीनेजर्स में ही देखने को मिलता है जोकि अपने दोस्तों के लिए लेते हैं। ग्रीटिंग्स के साथ फ्रेंडशिप और प्यार को अभिव्यक्त करते हुए तरह तरह के गिफ्ट भी खरीदे जाते हैं। विवेक कपूर कहते हैं कि ये तो मानना पड़ेगा कि मोबाइल के आने के बाद ग्रीटिंग कार्ड की बिक्री पर फर्क पड़ा है, और अब सोशल मीडिया डिजिटल प्लेटफार्म पर एक से एक डिज़ाइन के डिजिटल ग्रीटिंग कार्ड मौजूद है जिनको एक मिनट में लोग एक दूसरे को मोबाइल से भेजकर बधाई और शुभकामनाएं देते हैं ऐसे में सिर्फ टीनेजर्स में ही ग्रीटिंग कार्ड खरीदने का चलन रह गया है।

greeting cards photo

27वर्षीय युवक सुकान्त चौधरी कहते हैं कि “आज के सोशल मीडिया के समय में ग्रीटिंग कार्ड कोई नही ख़रीदता है । कुछ सालों पहले तो ग्रीटिंग्स कार्ड की इसलिए भी ज़्यादा ख़रीदारी होती थी क्योंकि स्मार्ट मोबाइल और सोशल मीडिया का ज़माना उतना व्यापक और प्रभावी नहीं था। सुकान्त कहते हैं कि वो खुद स्कूल के समय में ख़रीदा करते थे क्यू कि स्कूल में पड़ने वाले बच्चे इनको ज़्यादा ख़रीदते थे ताकि वो अपने दोस्तों और टीचर्स को ग्रीटिंग्स कार्ड के ज़रिए नए वर्ष की बधाई दे सके। और मेरे ख्याल से कुछ लवबर्डस भी ग्रीटिंग कार्ड खरीदते हैं।”