बिग न्यूज़ टूडे: द्रौपदी मूर्मु ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर सोमवार की सुबह संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ ले ली. इसके बाद देश को पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति मिली. CJI एन वी रमन्ना ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनके लिए देश के युवाओं और महिलाओं का हित सर्वोपरि होगा. उन्होंने कहा कि वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू समेत अन्य कई बड़े नेता संसद भवन पहुंचे. शपथ लेने से पहले द्रौपदी मूर्मू राजघाट पहुंची और वहां पर महात्मा गांधी की श्रद्धांजलि अर्पित की.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है. मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है. उन्होंने कहा कि संथाल क्रांति, पाइका क्रांति से लेकर कोल क्रांति और भील क्रांति ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को और सशक्त किया था. सामाजिक उत्थान एवं देश-प्रेम के लिए ‘धरती आबा’ भगवान् बिरसा मुंडा जी के बलिदान से हमें प्रेरणा मिली थी.

