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गंगा स्नान के साथ शुरू हुई कांग्रेस की ‘केदारनाथ प्रतिष्ठा- सम्मान रक्षा यात्रा’, पदयात्रा करना हुआ जरुरीः गरिमा

Dehradun Delhi Uttarakhand


BIG NEWS TODAY : देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महारा के नेतृत्व में हर की पैड़ी ,हरिद्वार से गंगा स्नान के बाद तेरह दिवसीय “जय गंगा जय केदार” के जयकारों के साथ  “केदारनाथ प्रतिष्ठा- सम्मान रक्षा यात्रा” का शुभारंभ कर दिया गया। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री को केदार बाबा के दर्शन करके माफी मांगनी भी चाहिए क्योंकि पिछले दिनों उनसे बोराडी, दिल्ली में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के नाम से एक मंदिर के भूमि पूजन में उपस्थित रहने से जाने अनजाने में करोड़ों करोड़ सनातनियों की भावनाओं को आघात पहुंचा। garima dasauni congress on kedarnath samman raksha yatra

दसौनी ने कहा इतना ही नहीं हुआ भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जब से प्रदेश में काबिज हुई है तब से स्वयं को हिंदू धर्म का ठेकेदार समझने वाली भारतीय जनता पार्टी ने लगातार हमारे विश्वप्रसिद्ध धामों पर कुठाराघात करने का काम किया है। दसौनी ने कहा कि पहले त्रिवेंद्र सरकार में देवस्थानम बोर्ड का गठन कर दिया गया जो सीधे तौर पर हमारे तीर्थ पुरोहितों के अधिकारों पर चोट थी, विवाद बढ़ता देख भारतीय जनता पार्टी के ही दूसरे मुख्यमंत्री के द्वारा उसे निरस्त कर दिया गया लेकिन भाजपा शासन में विवाद यहीं खत्म नहीं हुए कभी क्यू आर कोड विवाद, तो कभी केदार बद्री मास्टर प्लान पर बीकेटीसी सवालों में घिरती रही है और उसके बाद सदी का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ जब केदारनाथ धाम में लगे 228 किलो सोने को पीतल बता दिया गया।

दसोनी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष करन महारा के नेतृत्व में उत्तराखंड कांग्रेस ने निर्णय लिया कि धाम और धर्म के मान सम्मान और उनकी प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु और सत्ता पक्ष को आईना दिखाने के लिए पदयात्रा निकालनी ही होगी ताकि सत्ताधारी अपनी ही नजरों में शर्मसार हो सके। गरिमा ने कहा की बाबा केदार शिव भोले नाथ भारतीय जनता पार्टी को सद्बुद्धि दें, केदार बाबा के सोना पीतल मामले में सच सबके सामने आ सके , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बार-बार जिस तरह से हमारे धामों की पौराणिक परंपराओं को ताक में रखकर गर्भ गृह में फोटो सेशन हो रहा है और जिस तरह का कृत्य बोराडी, दिल्ली और तेलंगाना में हुआ है उसकी पुनरावृत्ति ना हो इन सभी बातों को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस ने यह यात्रा निकाली है ।

गरिमा ने कहा कि 2013 के  दैवीय आपदा का जो मंजर था वह प्रकृति का तांडव था जिससे उत्तराखंड आज तक नहीं उभर पाया है। बाबा केदार को अपने  तीसरे नेत्र को खोलने की नौबत ना आ जाए इसलिए भी यह यात्रा आवश्यक थी। परंतु मुख्यमंत्री के केदार बाबा के दर्शन के दो मायने हैं या तो वह अपनी करनी के लिए पश्चाताप करने गए हैं या फिर केदारनाथ में होने वाले उपचुनाव के मध्य नजर हवा का रुख भांपने?