
देहरादून (big news today bureau)

मिशन २०२२ की तेयारी कर रही कोंग्रेस के लिए पार्टी के अंदर की चुनोतियों से पार पाना भी एक बड़ी उपलब्धि होगी . पिछले दिनों संगठन में हुए बदलाव और संगठन विस्तार से कई पार्टी के ऐसे पुराने चेहरों को अपना वजन हल्का हुआ महसूस हो रहा है जो कुछ समय पहले तक कोंग्रेस में अपनी ठीक ठाक दख़ल और वजन रखते थे। ऐसे में ज़ाहिर है कि कोंग्रेस्स को अपनी मिशन २०२२ की तेयारियों के बीच इस बात का ध्यान रखना भी होगा की नाराज़गी किसी नुक़सान की हद तक ना पहुँचे । क्योंकि खुली गुटबाज़ी के लिए कोंग्रेस चर्चित रहती है