
देहरादून Big News Today

भारत में हर साल 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिवस साल 2006 से मनाया जा रहा है । यह दिवस ऐसे लोक सेवकों को समर्पित है, जो देश की प्रगति के लिए कार्य करते हैं. इसके साथ ही नीति-निर्माण में भी अपना अहम योगदान प्रदान करते हैं. ये दिवस अलग-अलग स्तरों पर कार्य करने वाले सिविल सेवकों को ये याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा से ऊपर कुछ भी नहीं है.

इसी शुभ अवसर पर उत्तराखंड हेरिटेज मीडिया व सेनगुइन वी केअर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दिनाँक 21 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय गोष्ठी का शुभारंभ किया ।
मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव इंदुकुमार पाण्डे ने शिरकत की । अध्यक्षीय संबोधन में पाण्डेय ने मानव जाति के विकास क्रम में लोक सेवा की महत्ता व परिवर्तन पर प्रकाश डाला व प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए।

पूर्व मुख्य सचिव इंद्रकुमार पांडेय ने Big News Today से बातचीत में कहा कि आने वाली युवा पीढ़ी के हाथ में देश और राज्य की बागडोर युवाओं के हाथों में है । बच्चों को जानकारी कम होती है शासन क्या है विकास के क्या आयाम है बच्चों को शिक्षा व्यवस्था में जो विषय पढ़ते है देश में क्या हो रहा है भविष्य में क्या करना है और सिविल में काफ़ी बदलाव भी देखने को है जैसे हर चीज़ सरकार के हाथ में थी लेकिन अब कुछ चीजें सरकार से अलग है जो सिविल सर्विस है उसको अलग ढंग से देखना पढ़ता है इसीलिए आज बच्चों से हमने उनके विचार साझा करे ।

इस अवसर पर सचिव उत्तराखंड शासन हरिचंद्र सेमवाल ने भी Big News Today से बातचीत में कहा कि आने वाले समय में बच्चों में सरकार को लेकर सही जानकारी हो और सिविल को लेकर उनका रुझान बढ़े और युवा इसको समझे की सिविल क्या होता है क्या काम होते है सिविल में इसी क्रम में आज बच्चों को आज यही बताया गया की कैसे उनको आगे भविष्य में तैयार होना है ये सब पर प्रकाश डाला गया ।

डॉ मनोज पंत, सीईओ CGGPP, उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सिविल सेवा की भूमिका पर चर्चा की।
हरि चंद्र सेमवाल, सचिव उत्तराखंड शासन द्वारा गोष्ठी के सफल आयोजन हेतु इंदु कुमार पाण्डेय व समस्त प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। गोष्ठी में विभिन्न विद्यालयों के 120 बच्चों ने प्रतिभाग किया व वक्ताओं ने उनकी जिज्ञासाओं पर अपने विचार रखे।
