तीर्थ यात्रियों को कार ट्रैश बिन बैग आईजी ने किए वितरित, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जानकी देवी एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी की पहल

Dehradun Delhi Mussoorie Uttarakhand


BIG NEWS TODAY : (देहरादून)। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने कार में इस्तेमाल किए जाने वाले कार ट्रैश बिन ( कार के लिए डस्ट बिन) वितरित किए। पर्यावरण फ्रेंडली बैग वितरण के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से जानकी देवी एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इस पहल के तहत केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम आने वाले पर्यटकों को मुफ्त में पर्यावरण-अनुकूल कार ट्रैश बिन बैग वितरित किए जाएंगे। जिसके तहत रविवार को आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप द्वारा अभियान का शुभारंभ करते हुए ट्रैश बिन बैग वितरित किए गये।

इस अवसर पर सोसाइटी की अध्यक्ष कविता चतुर्वेदी भी शामिल रहीं। यह पहल राज्य के पवित्र पहाड़ी क्षेत्रों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इन बैगों के माध्यम से भारी मात्रा में कचरे का प्रबंधन करना संभव होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इस मुहिम को उत्तराखंड पुलिस का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। इस पहल में यूपीईएस इंटर्नस ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने किया शुभारंभः

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बैग वितरण करके इस अभियान की शुरुआत की है। पर्यावरण सुरक्षा के लिए शुरू की गई इस मुहिम का शुभारंभ रविवार को कुठाल गेट क्षेत्र में पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों और स्थानीय यात्रियों को कार ट्रैश बिन बैग के वितरण से हुई। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने इस पहल की सराहना करते हुए सभी से अपील की है कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होने यात्रा मार्ग पर कूड़ा कचरा न फेंकने और प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने का भी आह्वान किया।

सोसाइटी की अध्यक्ष कविता चतुर्वेदी का कहना है कि, जानकी देवी एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास के लिए लगातार काम कर रही है। यह पहल उत्तराखंड को एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। इस अभियान के तहत 50 हजार बैग बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हम सभी पर्यटकों से आग्रह करते हैं कि वे इस पहल का समर्थन करें और दिए गए बैग का उपयोग करके अपने कचरे का सही प्रबंधन करें।

कार ट्रैश बिन बैग की मुख्य विशेषताएं

पर्यावरण अनुकूल बैग: यह बैग ऐसे विशेष सामग्री से बने हैं, जो प्रकृति के लिए नुकसानदायक नहीं है।
स्थानीय महिलाओं का योगदान: इन बैगों का निर्माण उत्तराखंड की वंचित महिलाओं द्वारा किया गया है, जो उनके लिए आजीविका का एक साधन है।
मुफ्त किया जा रहा वितरण: ये बैग राज्य में आने वाले पर्यटकों को बिना किसी शुल्क के वितरित किए जाएंगे।
स्वच्छता और सुरक्षा: यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने में भी सहायक होगी।