देहरादून (Big News Today) उत्तराखंड लेखा परीक्षा निदेशालय के एक अधिकारी प्रमोशन की डीपीसी होने के बावजूद प्रमोशन आदेश ना हो पाने के कारण बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। उपनिदेशक सोबन सिंह नगन्याल का संयुक्त निदेशक के पद पर प्रमोशन के लिए चयनित हो जाने के बावजूद भी समय से प्रमोशन आदेश नहीं हो पाया, और 31 मार्च को उनकी सेवानिवृत्ति हो गई। सचिव वित्त एसएन पांडेय ने विदाई करते हुए शॉल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें शुभकामनाए दिन। नगन्याल करीब 25वर्ष से उपनिदेशक के पद पर तैनात थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आडिट विभाग के 8 अधिकारियों की पदोन्नति के लिए 28 मार्च की सुबह डीपीसी हुई थी, जिसमें सोबन सिंह नगन्याल का उपनिदेशक से संयुक्त निदेशक के पद पर प्रमोशन के लिए चयन हो गया था। डीपीसी के तुरन्त बाद से ही वित्त मंत्री से फाइल में अनुमोदन लेने के लिए अधिकारी भागदौड़ में जुटे थे, लेकिन बताया जा रहा है कि मंत्री जी की व्यस्तता के चलते अनुमोदन नहीं हो सका, और नगन्याल बिना प्रमोशन आदेश मिले ही रिटायर हो गए। उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर निर्वाचन भवन में हुए विदाई समारोह में सचिव वित्त एवं निदेशक एसएन पांडेय, अपर आयुक्त कुमाऊँ मंडल जीवन सिंह नगन्याल सहित आडिट एवं बचत निदेशालय के तमाम अधिकारी और कार्मिको के अलावा उनके परिवारीजन भी शामिल हुए ।

डीपीसी में इन अधिकारियों का प्रमोशन के लिए हुए था चयन: अपर सचिव वित्त डा. इकबाल अहमद की अध्यक्षता में 28 मार्च को हुई डीपीसी में संयुक्त निदेशक के पद पर बिपिन बिहारी लाल और सोबन सिंह नगन्याल का चयन हुआ जबकि उप निदेशक के पद पर वी के सिंह, मनोज कुमार सिंह, विजयप्रताप सिंह, रघुराज सिंह, तरुण पाण्डे, और इन्दिरा भट्ट का चयन हुआ था ।
मिल रहा था एसीपी का वेतन लाभ: ” देखिये डीपीसी के बाद समय कम था, कतिपय कारणों से मंत्री जी का अनुमोदन नहीं हो पाया था। लेकिन सोबन सिंह नगन्याल जी काफी समय से संयुक्त निदेशक का ही एसीपी प्राप्त वेतनमान लाभ पा रहे थे, बस पदनाम ही मिलना था। अब आदेश जारी होने के बाद उनको संयुक्त निदेशक पदनाम मिल जाएगा।” : – श्री एसएन पांडेय, सचिव वित्त ————————
उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच ने जताई नाराज़गी : डीपीसी में चयनित होने के बावजूद समय से सोबन सिंह नगन्याल की पदोन्नति आदेश नहीं होने पर उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के संस्थापक अध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है । उन्होंने कहा कि बेवजह रोके गये प्रमोशन के मामलों मे जवाबदेही तय करने के लिए उनके द्वारा सरकार के सामने आडिट विभाग का उदाहरण रखा था मगर इसे नजरअंदाज किया जाता रहा और दर्जनों कार्मिको के वगैर पदोन्नति के रिटायर होने से क्षुब्ध होकर एकता मंच ने जवाबदेही और न्याय के लिए चितई स्थित न्याय के प्रतीक गोलज्यू के मन्दिर में भी फरियाद की थी ।


