आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति जागरूकता के लिए‘आर्युज्ञान सम्मेलन’ सितम्बर में होगा आयोजित

Dehradun Delhi Uttarakhand


      देहरादून। (Big News Today) आयुर्वेद एवं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता के लिए सितम्बर में राजभवन में ‘आर्युज्ञान सम्मेलन’ आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में आयुर्वेद के महत्व, लाभ एवं इसकी उपयोगिता पर मंथन किया जाएगा। इस सम्मेलन में आयुर्वेद से जुड़े प्रख्ताद आयुर्वेदाचार्य, अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान के निदेशक और प्रोफेसर, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रोफेसर, आयुर्वेदिक कालेजों के छात्र-छात्राएं व आयुर्वेदिक उत्पादन से जुड़े विशिष्ट लोग उपस्थित रहेंगे।

प्रस्तावित ‘आर्युज्ञान सम्मेलन’ के सम्बन्ध में मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने संबंधित अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद समय की मांग है और हमें इसका प्रचार-प्रसार करना आवश्यक है। कोविड-19 ने हमें आयुर्वेद के महत्व का अनुभव कराया था। इस बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय ए. के. त्रिपाठी उपस्थित रहे ।

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक
"आयुर्वेद को लेकर समाज में विश्वास और जागरूकता बढ़ी है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक आधार पर होती है। इस विषय पर सम्मेलन से लोगों को आयुर्वेद को बेहतर तरीके समझने में मदद मिलेगी और नवाचार की जानकारी भी मिल सकेगी": डॉ.  पंकज पांडेय, सचिव, आयुष विभाग।

राज्यपाल ने इस सम्मेलन का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को राज्य में पर्यटन के साथ किस प्रकार श्रृंखलाबद्ध किया जाए ताकि स्थानीय लोगों को भी रोजगार उपलब्ध हो सके इस पर भी सम्मेलन में चर्चा हेतु कार्य योजना बनाई जाय। उन्होंने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति को इस सम्मेलन में अच्छे उत्पादन कर्ताओं का डिस्प्ले कराये जाने और आयुष विभाग के मिशन और विजन पर आधारित बुकलेट बनाने के भी निर्देश दिए।