सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कोंग्रेस ने बुलाई सर्वदलीय बैठक लेकिन बसपा, AAP एवं यूकेडी नेता नहीं दिखाई दिए, करन माहरा बोले “सामूहिक होगी सांम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई”

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फ़ोटो: मीडिया ब्रीफ करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष एवं अन्य

देहरादून (Big News Today)

कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, ये सर्वदलीय बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के आह्वाहन एवं अध्यक्षता में सत्तारूढ़ दल (अर्थात भाजपा) के खिलाफ बुलाई गई थी। लेकिन इस सर्वदलीय बैठक में बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और यूकेडी के अध्यक्ष या पदाधिकारी शामिल नहीं दिखाई दिए। बैठक का संचालन सर्वदलीय समिति के समन्वयक सूर्यकांत धस्माना नें किया।

सर्वदलीय समिति की बैठक में प्रमुख रूप से उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एस. सचान, सीपीआई से समर भंडारी, सीपीएम से राजेन्द्र सिंह नेगी एवं लेखराज, शंकर गोपाल, समिति के समन्वयक सूर्यकांत धस्माना, निवर्तमान गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी, निवर्तमान महामंत्री नवीन जोषी, मीडिया पैनलिस्ट अमरजीत सिंह, आदि मौजूद थे। बड़ा सवाल ये है कि क्या कांग्रेस संगठन मजबूती पर ध्यान देने की बजाए बैसाखियाँ टटोल रही है? मुद्दे की बात ये भी है कि बैठक में पहुंचे दलों का अपना ऐसा कौन सा बड़ा राजनीतिक वजूद है जिससे प्रदेश कांग्रेस संगठन अपनी मजबूती की उम्मीद लगा रहा है। सपा की राज्य में स्वीकार्यता की स्थिति तो सब जानते ही हैं।

बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा द्वारा मीडिया ब्रीफिंग की गई, और बाद में नोट भी जारी किया गया। जिसमें बताया गया कि बैठक के दौरान प्रदेश के महत्वपूर्ण एवं जनसरोकारों से जुड़े हुए मुद्दों पर गहन चिंतन मंथन हुआ। सभी नें प्रदेश के वर्तमान परिदृष्य पर चिंता जाहिर की। सभी उपस्थित जनों का मत था की एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर सभी दलों को अग्रसर होना होगा। प्रदेश के बिगड़ते हुऐ सौहार्द एवं कम्यूनल पोलोराईजेशन को लेकर भी चिंता व्यक्त की गयी।

फ़ोटो: कांग्रेस की सर्वदलीय बैठक

बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। बैठक के दौरान सर्वदलीय समिति का गठन किया गया जिसका सर्वसम्मति से उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा को बतौर अध्यक्ष नियुक्त किया गया और निर्णय लिया गया की हर माह सर्वदलीय समिति की बैठक आहुत की जायेगी जिसमें भविष्य के ऐजेंडे एवं रणनिति पर विचार विमर्श किया जाऐगा। आगामी बैठकों में हर दल से और अधिक लोगों को प्रतिनिधित्व देनें पर विचार हुआ साथ ही साथ ऐसे दल जो की धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते हों और सत्तारूढ़ दल की जनविरोधी नितियों के खिलाफ संघर्ष में शामिल होना चाहते हैं ऐसे दलों/व्यक्तियों को खुले दिल से सर्वदलीय समिति नें आमंत्रित किया। समिति द्वारा लिए गये बड़े निर्णयों में ये फैसला भी लिया गया की जल्द ही महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर एक सर्वदलीय ज्ञापन सौंपा जाऐगा जिसमें प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर महामहिम राज्यपाल से हस्तक्षेप करनें का निवेदन किया जाऐगा।

बसपा, आप एवं यूकेडी नेताओं को निमंत्रण दिया था या नहीं ? ये जानने की हमने कोशिश की तो प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना था कि यूकेडी से काशी सिंह ऐरी पिथौरागढ़ रहने के कारण शामिल नहीं हुए और आशा है कि भविष्य में बसपा एवं आम आदमी पार्टी के नेता भी बैठकों में दिखाई देंगे।