धराली उत्तरकाशी बादल फटने की त्रासदी: 5 की मौत, दर्जनो लापता, 1273 से अधिक लोगों का रेस्क्यू

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🌩️ उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: धराली में 4 की मौत, लापता लोगों की खोज | सेना और NDRF की रेस्क्यू रेस

⏱️ अपडेटेड: 10 अगस्त 2025 | 📍 उत्तराखंड, उत्तरकाशी/देहरादून।

✍️ रिपोर्ट: http//www.bignewstoday.in

उत्तराखंड राज्य के जनपद उत्तरकाशी के धराली गांव में 05 अगस्त 2025 को बादल फटने से भयानक तबाही मच गई। इसमें अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन दर्जनों लोग लापता हैं जिनकी संख्या का अनुमान अलग-अलग है। और रविवार की शाम तक आपदा क्षेत्र में फसें हुए 1273 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। जानें पूरी रिपोर्ट।

🌊 त्रासदी की दोपहर: 05 अगस्त 2025

उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी के धराली गांव में 05 अगस्त की दोपहर बादल फटने (Cloudburst in Dharali Uttarkashi) की घटना ने पूरी घाटी को हिला कर रख दिया। अचानक आए पानी और मलबे ने गांव के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया। तेज़ बहाव में घर, होटल, दुकानें और सड़कें बह गईं। स्थानीय लोगों ने इसे “कयामत की सुबह” बताया।

🧍‍♂️ कितने लोग मरे और लापता हैं?

  • अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
  • करीब 47 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन और सेना की खोजबीन जारी है। हालांकि लापता लोगों की संख्या को लेकर शासन-प्रशासन ने कोई सटीक अंतिम आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए हैं, लापता लोगों की ये संख्या अलग-अलग बयानों पर आधारित है। वास्तविक रूप में ये संख्या कम भी हो सकती है।
  • प्रारंभिक आंकड़ों में यह संख्या 100 तक मानी जा रही थी।

🏚️ कितना नुकसान हुआ?

– 40 से अधिक मकान, और 20–25 होटल या होमस्टे पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
– व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें और पर्यटकों के वाहन भी बह गए।
– स्थानीय पर्यटन को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि धराली हर्षिल घाटी का प्रमुख प्रवेश द्वार है।

🚁 1273 से अधिक लोगों का रेस्क्यू , 130 से अधिक लोगों को पहले दिन सुरक्षित निकाला गया।

– सेना और वायुसेना की मदद से अब तक 1000+ लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है।
– हेलीकॉप्टरों से मैटली, जोली ग्रांट, चिन्याली जैसे स्थानों तक लोगों को पहुंचाया गया।

🛡️ रेस्क्यू मिशन: धरती और आसमान दोनों से जंग

तैनात बल:

  • भारतीय सेना की Ibex ब्रिगेड: 150+ सैनिक
  • NDRF की 3 टीमें (~105 सदस्य)
  • ITBP की टीम (~16 सदस्य)
  • SDRF, स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासन सक्रिय

इस्तेमाल किए गए संसाधन:

  • चिनूक, Mi‑17, ALH जैसे सैन्य हेलीकॉप्टर
  • खोजी कुत्ते (Search Dogs): मलबे में फंसे लोगों की तलाश में
  • हर्षिल हेलीपैड से हेलीकॉप्टरों की लगातार उड़ानें

🗣️ चश्मदीद बोले: “सब कुछ पलक झपकते बह गया”

स्थानीय निवासी जगदीश ने बताया,

“हमने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा। होटल, घर, मंदिर — सब बह गया। हमारी आंखों के सामने लोग मलबे में गायब हो गए।”

📢 प्रशासन क्या कह रहा है?

जिला प्रशासन के मुताबिक:

“अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। लापता लोगों की तलाश जारी है। वायु सेना, सेना और बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं।”

राज्य सरकार ने आपदा को “राज्य स्तरीय आपदा” घोषित कर दिया है और विशेष राहत कोष से मदद जारी की जा रही है। धराली की यह आपदा एक बार फिर से हमें याद दिलाती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और अतिक्रमण कितना घातक रूप ले सकता है। राहत और बचाव का काम अभी भी जारी है। लापता लोगों की सलामती की दुआ हर किसी की जुबान पर है।

✍️ एम. फहीम ‘तन्हा
📍 देहरादून/उत्तरकाशी
📞 todaysbignews1@gmail.com

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Sources: Government briefings, media reports from AajTak, TOI, ThePrint, NBT, and field updates (as of 10 August 2025).