एंजेल चकमा की निर्मम हत्या से पूरा उत्तराखंड शर्मिंदा

Dehradun Uttarakhand


देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय नफरत के चलते निर्मम हत्या से पूरे देश और दुनिया में उत्तराखंड के नाम पर काला धब्बा लग गया है और इस जघन्य अपराध के कारण पूरा राज्य शर्मिंदा हुआ है यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। श्री धस्माना ने कहा कि प्रदेश में और देश में धर्म नस्ल भाषा के नाम पर वोटों की खातिर नफरतों का व्यापार करने वाले लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि उनके बच्चे भी देश विदेश में पढ़ाई और नौकरी करने जाते हैं अगर कल उनके साथ भी कोई ऐसी घटना घट सकती है। श्री धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड की राजधानी जो प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के लिए पहले ही पूरे देश विदेश में एक ऊंचा मुकाम रखती है राज्य गठन के बाद पिछले पच्चीस वर्षों में उच्च व तकनीकी शिक्षा के हब के रूप में देश में पहचान बना चुकी है और देश के अनेक राज्यों और विशेष तौर पर उत्तर पूर्व राज्यों के हजारों छात्र छात्राएं यहां उच्च का तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने विभिन्न विश्विद्यालयों में आते हैं और राज्य की आर्थिकी में भी बड़ा योगदान देते हैं। श्री धस्माना ने कहा कि अगर एंजेल चकमा व उसके भाई के साथ हुई हिंसा की तरह कोई घटना घटित होती है तो बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों का देहरादून और उत्तराखंड आना बंद हो जाएगा जिससे राज्य की बदनामी के साथ यहां के उच्च शिक्षा संस्थानों का नुकसान होगा। 
श्री धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एंजेल चकमा के पिता से बात कर घटना पर दुख व्यक्त किया किन्तु उनको राज्य का मुखिया होने के नाते उनसे पूरे राज्य की ओर से माफी मांगनी चाहिए थी और उनको देश के सभी राज्यों के लोगों को आश्वासन देना चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। श्री धस्माना ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष के रूप में हम एंजेल चकमा के परिवारजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उनसे इस बात के लिए क्षमा चाहते हैं कि हमारेnराज्य में उनके बेटे की जान नस्ली हिंसा में गई। श्री धस्माना ने राज्य सरकार व पुलिस प्रशाशन से इस पूरे हत्याकांड की गहन विवेचना करने व इसमें शामिल सभी आरोपियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करने की मांग की।

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