देहरादून/नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच का हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया है। इससे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर त्रिवेंद्र रावत ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि ये षड्यंत्रकारियों पर गहरी चोट लगी है।
खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई जांच के आदेश हुए थे जिसपर त्रिवेंद्र रावत सुप्रीम कोर्ट गए थे। पूर्व सीएम ने कहा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से सुप्रीम् न्याय मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया है कि सुप्रीम् कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद कथित पत्रकार द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट के आदेश को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह न्याय की जीत हुई है और उनके खिलाफ षडयंत्र करने वालों के मुंह पर भी करारा तमाचा है। और उमेश कुमार के ख़िलाफ़ राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी।
तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि उनके ऊपर एक कथित पत्रकार द्वारा कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस मामले में 27 अक्टूबर, 2020 को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिए थे। उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ तत्कालीन सरकार ने उसी दिन सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। 29 अक्टूबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगनादेश दिया था। तब से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था।
बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट का निर्णय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है और अरक्षणीय (unsustainable) है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों जो उमेश कुमार ने हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका 1187 आफ 2020 के माध्यम से लगाए थे (in para 8) वो सभी रद(quashed) और set aside कर दिए हैं।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय देकर हाईकोर्ट के उस आदेश को पूरी तरह से खारिज कर दिया। इसके लिए वह सुप्रीम् कोर्ट और अपने अधिवक्ताओं का भी धन्यवाद करते हैं। मेरी प्रतिष्ठा को जिसने ठेस पहुंचाइ उसके खिलाफ वह आगे की कार्रवाई के लिए विधिक राय लेकर निर्णय लेंगे।
इस निर्णय से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के समर्थकों में भी खुशी की लहर है। उनका कहना है कि सुप्रीम् कोर्ट का यह फैसला षडयंत्रकारियों के खिलाफ एक बड़ा निर्णय है। इससे उन ईमानदार और साहसिक नेताओं को बड़ा हौसला मिलेगा, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचारी और षडयंत्रकारी लोग कोई भी आरोप लगाकर उन्हें कानूनी उलझन में फंसाने की कोशिश करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऐसे षडयंत्रकारी भी एक्सपोज होंगे।