क्या आप जानते हैं कि फ्रेमिंग अच्छी ना हो तो आपकी ख़ूबसूरत पेंटिंग भी भद्दी हो सकती है? केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी ने किया कार्यशाला का आयोजन

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फ़ोटो: बावा फ्रेमर , आर्ट टीचर्स एवं आर्ट स्टूडेंट्स

देहरादून (Big News Today)

पेंटिंग, आर्ट्स, चित्रकारी, कला ये सब एक ही विधा के अलंकरण हैं। किसी कलाकार इस आर्टिस्ट का कोई बेहतरीन सृजन या उत्कृष्ट पेंटिंग अगर अच्छी फ्रेमिंग में आ जाए तो उसमें चारचांद लग जाते हैं, लेकिन अगर पेंटिंग का फ्रेम ही खराब लग जाये तो कितनी ही अच्छी पेंटिंग क्यों ना हो वो किसी को जल्दी से पसन्द नहीं आती है। इसको हम इस प्रकार से भी कह सकते हैं कि एक किसी सामान्य पेंटिंग की ‘अच्छी फ्रेमिंग’ उसको और आकर्षक और बेहतरीन भी बना सकती है। और ‘खराब फ्रेमिंग’ किसी अच्छी और आकर्षक पेंटिंग को भद्दी पेंटिंग के रूप में भी प्रस्तुत कर सकती है। इसलिए आर्ट या पेंटिंग्स की विधा में ‘फ्रेमिंग’ का बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

फ़ोटो: फ्रेमिंग कार्यशाला में टीचर्स, फ्रेमर एवं छात्र

फ्रेमिंग के अध्याय के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय विद्यालय भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के प्राचार्य संजय कुमार की प्रेरणा से आर्ट टीचर कहकशां ने पहल करके आर्ट स्टूडेंट्स की फ्रेमिंग कार्यशाला का आयोजन कराया।

फ़ोटो: आर्ट छात्रों की फ्रेमिंग सिखाते हुए फ्रेमर बावा

केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी द्वारा फ्रेमिंग करने की कला कौशल विकास कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बावा फ्रेमिंग हाउस पलटन बाज़ार में किया गया। कार्यशाला में विद्यार्थीयों हर्षित, ओम, मोहित , अदिती, इशिका, मानवी के साथ कला शिक्षिका कहकशाँ और शालिनी सोनी ने भी प्रतिभाग किया।

फ़ोटो: फ्रेमिंग सीखते आर्ट स्टूडेंट्स

प्रसिद्ध फ्रेमर बावा इंद्र मोहन और उनके सहायक सुनील रावत ने बच्चों को बड़े प्यार से फ्रेमिंग के औजारों और विधा से परिचित कराया और आसन तरीके से बच्चों द्वारा बनाई गई पेटिंग्स को फ्रेम करना सिखाया।

फ़ोटो: फ्रेमिंग के लिए कटिंग सीखते स्टूडेंट्स

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंर्तगत कौशल विकास की पहल केंद्रीय विद्यालय भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल देहरादून में प्राचार्य संजय कुमार द्वारा एक साल पहले ही सभी सुविधाओ औजारों और अन्य सामग्री के साथ कला एवम् कौशल विकास केंद्र स्थापित कर दिया गया था। जिसमे कला की विभिन्न विद्याएं जैसे मिट्टी के बर्तन चाक पर बनाना स्प्रे पेंटिंग , कपड़ा डाई और प्रिंट करना कठपुतली बनाना आदि बच्चों को सिखाया जा रहा है।